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राहुल गांधी का यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में संबोधन: ‘देवता’ शब्द के अर्थ पर विचार

नई दिल्ली,9 सितम्बर। राहुल गांधी ने हाल ही में यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में छात्रों को संबोधित करते हुए भारतीय दर्शन और संस्कृति के विभिन्न पहलुओं पर बात की। इस दौरान उन्होंने “देवता” शब्द के अर्थ पर विशेष रूप से चर्चा की और इसे गहराई से समझाया। उनके इस भाषण ने भारतीय समाज में देवता की अवधारणा पर एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया, जिसे छात्रों ने बड़े ध्यान से सुना और सराहा।

देवता शब्द का अर्थ
राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय संस्कृति में “देवता” शब्द का अर्थ केवल धार्मिक या पूजनीय व्यक्ति से नहीं है। उन्होंने इसे और व्यापक दृष्टिकोण से समझाते हुए कहा कि देवता वह है जो दूसरों को शक्ति और समर्थन प्रदान करता है। उनके अनुसार, “देवता” वह व्यक्ति होता है जो आपकी अंदरूनी शक्ति को पहचानने में मदद करता है और आपको प्रेरित करता है।

राहुल गांधी ने इस विचार को भारतीय समाज के सांस्कृतिक संदर्भ में रखा, जहां देवताओं को केवल पूजा करने के लिए नहीं, बल्कि उनके गुणों से प्रेरणा लेने के लिए देखा जाता है। उन्होंने कहा कि देवता वह होता है जो आपकी क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करता है और आपको एक बेहतर इंसान बनने की दिशा में मार्गदर्शन करता है।

नेतृत्व और सेवा का संबंध
देवता की इस परिभाषा को समझाते हुए राहुल गांधी ने इसे नेतृत्व और सेवा से भी जोड़ा। उन्होंने कहा कि एक सच्चे नेता को देवता की तरह होना चाहिए, जो अपने अनुयायियों को प्रेरणा और समर्थन दे सके। “नेतृत्व का असली मकसद दूसरों को सशक्त बनाना और उनकी क्षमताओं को निखारना है,” उन्होंने कहा। उनका मानना है कि एक अच्छा नेता वही होता है जो अपने साथियों को आगे बढ़ने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित करे।